Friday, November 8

सामान्य ज्ञान

 


नीचे भारतीय सामान्य ज्ञान सम्बन्धी कुछ प्रमुख ज्ञातव्य विषयों का उल्लेख किया जाता है :-

हिन्दू धर्म के प्रमुख सम्प्रदायसनातनी, चार्वाक, वैष्णव, शाक्त, शैव और आर्यसमाजी।
वैष्णव धर्म की दो शाखाएँराम शाखा, कृष्ण शाखा।
शैव-धर्म की चार शाखाएँकापालिक, कालामुख, पाशुपत, शैव।
धर्म के दस लक्षणअस्तेय अक्रोध, विद्या, इन्द्रियनिग्रह, दम, धृति, बुद्धि, शुचि, सत्य।
चार धामजगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, बदरिकाश्रम, रामेश्वरम्।
सात मोक्षदायक तीर्थस्थानअयोध्या, अवन्तिका, कांची, कशी, जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, मथुरा।
हिन्दुओं के कुछ प्रसिद्ध तीर्थस्थानअयोध्या, काशी, केदारनाथ, कैलाश, गंगोत्री, गंगासागर, गया, चित्रकूट, जम्नोत्री, जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, पशुपतिनाथ, पुष्कर, प्रयाग, बद्रीनाथ, वृन्दावन, मथुरा, विंध्याचल, रामेश्वर, हरिद्वार।
कुछ प्रमुख यज्ञों के नामअश्वमेघ यज्ञ, चातुर्मास्य यज्ञ, नरमेध यज्ञ, पिंडपितृ यज्ञ, पुत्रेष्टि यज्ञ, राजसूय यज्ञ, वाजपेय यज्ञ, सर्वमेध यज्ञ, सोम यज्ञ।
भारतीय व्यक्ति-जीवन के सोलह संस्कारगर्भाधान, पुंसवन, सीमंत, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकरण, उपनयन, वेदारम्भ, समावर्त्तन, विवाह, गृहस्थाश्रम, वानप्रस्थाश्रम और संन्यासाश्रम।
भारतीय जीवन के चार आश्रमब्रह्मचर्य, गार्हस्थ्य, वानप्रस्थ और संन्यास।
ईश्वर के दो रूपसगुण, निर्गुण।
सरस्वती का वाहनहंस।
सरस्वती का आसनकमल।
सरस्वती का वाद्ययंत्रवीणा।
विष्णु का चक्रसुदर्शन।
विष्णु के प्रहरीचंड, जय, विजय।
विष्णु की पत्नीलक्ष्मी।
विष्णु का वाहनगरुड़।
विष्णु का सारथीदारुक।
विष्णु का मंत्रीउद्धव।
विष्णु के 24 अवतारकूर्म, कपिल, कल्कि, कृष्ण, दत्तात्रेय, धन्वंतरि, नरनारायण, नारद, नृसिंह, परशुराम, पृथु, बलराम, ब्रह्मा, बुद्ध, मत्स्य, मोहिनी, यज्ञ, राम, वामन, वाराह, वेदव्यास, हंस, हयग्रीव।
विष्णु के प्रमुख दस अवतारमत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
लक्ष्मी का वाहनउल्लू।
शिव की आठ मूर्तियाँअग्निमूर्ति (रुद्र), आकाशमूर्ति (भीम), क्षितिमूर्ति (सर्व), चन्द्रमूर्ति (महादेव), जलमूर्ति (भव), यजमानमूर्ति (पशुपति), वायुमूर्ति (उग्र), सूर्यमूर्ति (ईशान) ।
अष्ट भैरवों के नामअसितांग, काल, क्रोध, चन्द्रचूड़, ताम्रचूड़, महाभैरव, रुद्र, संहार।
शिव के नंदीगणतुंडी नंदिक भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय भी शिव के गण हैं।
शिव का बाजाडमरू।
शिव का धनुषपिनाक।
सात प्रसिद्ध विपदारद, प्रदीपन, ब्रह्मपुत्र, वत्सनाभ, शौक्लिकेय, सारोष्ट्रिक, सौराष्ट्रिक।
पार्वती का वाहनसिंह।
कार्तिकेय का वाहनमोर।
गणेशजी का वाहनचूहा।
पंच देवियाँदुर्गा, राधा, लक्ष्मी, वाणी, शाकंभरी।
सात माताएँइन्द्राणी, कौमारी, ब्राह्मी माहेश्वरी चमराड़ा वैष्णवी, वाराही।
नौ कन्याएँकल्याणी, कालिका, कुमारी, चंडिका, दुर्गा, त्रिमूर्ति, रोहिणी, शांभवी, सुभद्रा।
नौ शक्तियाँइन्द्राणी, कार्तिकी, नारसिंही, ब्रह्माणी, माहेश्वरी, रौद्री, वाराही, वैष्णवी, सर्वमंगला।
दस महाविद्याएकमला, काली, छिन्नमस्ता, तारा, धूमावती, बगला, भुवनेश्वरी, भैरवी, मातंगी, षोडशी।
ग्यारह देवयोनियाँअप्सरा, किन्नर, गंधर्व, गुह्यक, देव, पिशाच, भूत, यक्ष, रक्ष, विद्याधर, सिद्धि।
दस विश्वदेवाआद्रव, काम, काल, क्रतु, दक्ष, ध्वनि, पुरूरवा, रोचक, वसु, सत्य।
33 देवताओं के स्थानस्वर्ग- 11, पृथ्वी- 11, अंतरिक्ष- 11 ।
ऋग्वेद के प्रमुख देवताअग्नि, अयमा, अश्विद्वय, इन्द्र, उशना, उषा, त्रित, त्वष्टा, पर्यन्य, पूषा, मरुत, रुद्र, यम, वसु, वायु, सोम, विष्णु।
पंचदेव कन्याअहल्या, कुन्ती, तारा, द्रौपदी और मंदोदरी।
ऋग्वेद की कुछ प्रमुख देवियाँइन्द्राणी, इला, उषा, पृथिबी, राका, रोदशी, सरस्वती, सुनृता।
इन्द्र की स्त्रीइन्द्राणी।
इन्द्र का पुत्रजयन्त।
इन्द्र का सारथीमातलि।
इन्द्र का हाथीऐरावत।
इन्द्र को प्रधानअप्सराएँ अलंबुषा, उर्वशी, घृताची, मेनका, रंभा।
स्वर्ग के वैद्यअश्विनीकुमार।
कुबेर का सौतेला भाईरावण।
कुबेर का पुत्रनलकूबर।
कुबेर की पुरीअलकापुरी।
कुबेर का विमानपुष्पक।
कुबेर का ऐश्वर्यआठ सिद्धियाँ, नव-निधियाँ और सतरह ऋद्धियाँ।
आठ सिद्धियाँअणिमा, ईशित्व, गरिमा, प्राकाम्य, प्राप्ति, महिमा, लघिमा, वशित्व।
नौ निधियाँकच्छप, खर्व, नद, नील, पद्म, मकर, महापद्म, मुकुन्द, शंख।
कामदेव का वाहनतोता।
कामदेव के पाँच वाणउन्मादन, तापन, शोषण, सम्मोहन, स्तंभन।
कामदेव के पाँच पुष्पवाणअरविन्द, अशोक, अस्त्र, नवमल्लिका, नीलकमल।
कामदेव की पत्नीरति।
वरुण का वाहनमकर।
वरुण की पत्नीवारुणी।
वरुण का पुत्रअगस्त।
सूर्य की बारह कलाएँक्षमा, ज्वालिनी, तापिनी, धारिणी, धूम्रा, बोधिनी, भोगदा, मरीचि, रुचि, विश्वा, सुषुम्णा।
सूर्य के पुत्रअश्विनीकुमार, कर्ण, यम, शनि, सुग्रीव, मनुवैवस्वत।
सूर्य की कन्यायमुना।
चन्द्रमा की पत्नीरोहिणी।
चन्द्रमा का पुत्रबुध।
चन्द्रमा की सोलह कलाएँअंगदा, अमृता, कांति, चन्द्रिका, ज्योत्स्ना, तुष्टि, धृति, प्रीति, पुष्टि, पूर्ण, पूर्णामृता, पूषा, मानदा, रति, शशनी, श्री।
पवन की पत्नीअंजना।
पवन के पुत्रभीम, हनुमान।
चौदह यमधर्मराज, मृत्यु, अन्तक, वैवस्वत, यम, काल, सर्वभूतक्षय, औदुभ्बर, दघ्न, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त।
सात नरकअवटनिरोधन, क्षारमर्दन, दंदशूक, पर्यावर्त्तन, रक्षोगणभोजन, सूलप्रोत, सूचीमुख।
अष्ट नागअनंत, कर्कोटक, कुलीर, तक्षक, पद्म, महापद्म, वासुकी, शंख।
लक्ष्मण की पत्नीउर्मिला।
शत्रुध्न की पत्नीश्रुतकीर्ति।
भरत की पत्नीमांडवी।
रावण की माताकेशिनी।
रावण की स्त्रीमंदोदरी।
रावण का भाईविभीषण, कुंभकरण।
पाँच पाण्डवयुधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव।
द्रोपदी के पाँच पुत्रप्रतिविध्य, श्रुतसोम, श्रुतकीर्ति, शतानिक, श्रुतक्रमा।
अभिमन्यु की मातासुभद्रा (अर्जन की दूसरी पत्नी) ।
अभिमन्यु की पत्नीउत्तरा।
अभिमन्यु का पुत्रपरीक्षित।
भीम की पत्नियाँहिडिंबा, बलंधरा।
हिडिम्बा का पुत्रघटोत्कच।
बलंधरा का पुत्रसरवग।
आदि कविवाल्मीकि।
'महाभारत' के रचयितावेदव्यास।
जैनधर्म की दो शाखाएँदिगम्बर और श्वेताम्बर।
जैनधर्म के पाँच महाव्रतअपरिग्रह, अस्तेय, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, सत्य।
बौद्धधर्म के दो सम्प्रदायमहायान और हीनयान।
बौद्धधर्म के चार आर्य सत्यदुःख, दुःख-समुदाय, दुःख-निरोध, दुःख-निरोधगामिनी प्रतिपदा।
भगवान बुद्ध की पत्नीयशोधरा।
भगवान बुद्ध का पुत्रराहुल।
भगवान बुद्ध के दो प्रसिद्ध शिष्यमोग्गलायन और आनन्द।
बौद्धधर्म के कुछ प्रसिद्ध तीर्थ-स्थानकुशीनगर, बोधगया, लुम्बिनी, सारनाथ।
चार वेदों के नामऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।
वेदों के चार भागसंहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद्।
चार संहिताएँऋक्-संहिता, यजुःसंहिता, समसंहिता, अथर्वसंहिता।
प्रमुख ब्राह्मण-ग्रन्थऐतरेय, सांख्यायन (ऋग्वेद), पंचविंश (सामवेद), षडविंश (सामवेद), तैत्तिरीय (यजुर्वेद), शतपथ, गोपथ।
छह वेदांगकल्प, छंद, ज्योतिष, निरुक्त, व्याकरण, शिक्षा।
प्रस्थानत्रयीउपनिषद् , ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता।
कुछ प्रमुख उपनिषद्ईश, ऐतरेय, कठ, केन, छांदोग्य, तैत्तिरीय, प्रश्न, बृहदारण्यक, मांडूक्य, मुंडक।
भारतीय षड्दर्शनमीमांसा, वेदान्त, सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक।
वेदान्त के विभिन्न सम्प्रदाय और उसके आचार्यशंकर-अद्वैतवाद, मध्वाचार्य-द्वैतवाद, निम्बार्क-द्वैताद्वैतवाद, रामानुज-विशिष्टाद्वैतवाद, वल्लभाचार्य-शुद्धा-द्वैतवाद, श्रीकंठ-शैवविशिष्टाद्वैतवाद।
षड्दर्शनों के आचार्यमीमांसा-जैमिनी, वेदान्त-शंकर, सांख्य-कपिल, योग-पतंजलि, न्याय-गौतम।
अट्ठारह पुराणअग्नि, कूर्म, गरुड़, नारद, पद्म, ब्रह्म, ब्रह्म वैवर्त, ब्रह्मांड, भविष्य, भागवत, मत्स्य, मार्कण्डेय, लिंग, वाराह, वामन, विष्णु, शिव, स्कंद। (सबके अन्त में 'पुराण' शब्द लगता है।)
प्रधान स्मृतियाँअंगिरा, कात्यायन, दक्ष, नारद, पराशर, पितामह, पुलत्स्य, प्रचेतस, प्रजापति, वृहस्पति, मनु, मरीचि, यम, याज्ञवल्क्य, विश्वामित्र, व्यास, हारीत।
रामचरितमानस के महाकवितुलसीदास।
बौद्धों के तीन धर्म-ग्रन्थअभिधम्म, पिटक, विनय पिटक, सुत्त पिटक।
दो तरह की कलाएँउपयोगी कला, ललित कलाएँ।
छह ललित कलाएँकाव्यकला, संगीतकला, चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला, नृत्यकला।
संगीत-स्वर के तीन भेदमंद्रस्वर, मध्यस्वर, तारस्वर।
संगीत के छह प्रसिद्ध रागदीपक, भैरव, मालकोश, मेघ, श्री, हिंडोल।
दो प्रकार के प्रधान नृत्यताण्डव, लास्य।
काव्य के दो भेदश्रव्य काव्य, दृश्य काव्य।
नायक के चार भेदधीरोदात्त, धीरोद्धत, धीरललित, धीरप्रशान्त।
नायिका के तीन भेदस्वकीया, परकीया, सामान्या।
काव्य के नौ रसश्रृंगार, करुण, वीर, हास्य, भयानक, रौद्र, वीभत्स, शांत, अद्भुत।
श्रृंगार के दो भेदवियोग श्रृंगार और संयोग श्रृंगार।
हास्य के छह भेदअहसित, अपहसित, उपहसित, विहसित, स्मित, हसित।
वीर-रस के तीन भेददयावीर, दानवीर, युद्धवीर।
तीन प्रकार के अलंकारशब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार।
काव्य के तीन गुणओज, प्रसाद और माधुर्य।
हिन्दी कविता के कुछ प्रमुख छन्दकवित्त, कुण्डलिया, गीति, घनाक्षरी, चौपाई, छप्पय, दोहा, गीतिका, रोला, लावनी, हरिगीतिका, मालिनी, द्रुतविलम्बित इत्यादि।
भारत की प्राचीन भाषाएँसंस्कृत, पालि, प्राकृत और अपभ्रंश।
भारत की 14 प्रमुख आधुनिक भाषाएँअसमिया, उड़िया, कन्नड़, गुजराती, तामिल, तेलगु, पंजाबी, बंगला, मराठी, मलयालम, लहंदा, हिन्दी, सिन्धी और उर्दू।
18 प्रकार की विद्याएँअथर्ववेद, अर्थशास्त्र, आयुर्वेद, ऋग्वेद, कल्प, गांधर्ववेद, छन्द, ज्योतिष, धनुर्वेद, धर्मशास्त्र, निरुक्त, न्याय, पुराण, मीमांसा, यजुर्वेद, व्याकरण, शिक्षा, सामवेद।
समय के अनुसार निकलने वाली पत्रिकाओं के नामदैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, द्वैमासिक, त्रैमासिक, षाणमासिक।
चार अन्तरिन्द्रियाँअहंकार, चित्त, बुद्धि, मन।
पाँच कर्मेन्द्रियाँउपस्थ, गुदा, पैर, मुँह, हाथ।
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँचक्षु, जिह्या, श्रोत्र, त्वचा, नासिका।
आठ प्रकार के विवाहआर्ष, आसुर, गान्धर्व, दैव, पिशाच, प्रजापत्य, ब्राह्म, राक्षस।
सात प्रकार की माताएँगुरु की पत्नी, गाय, जन्मदात्री, दूध पिलाने वाली दाई, ब्राह्मणी, मातृभूमि, राजपत्नी।
नौ तरह के रत्ननीलम, पुष्पराग, मरकत, माणिक्य, मूँगा, मोती, वैदूर्य, हीरा, गोमेद।
नवग्रहकेतु, गुरु, चन्द्रमा, बुध, मंगल, राहु, शनि, शुक्र, सूर्य।
बारह प्रमुख राशियाँकन्या, कर्क, कुम्भ, तुला, धनु, मकर, मिथुन, मीन, मेष, वृश्चिक, वृष, सिंह।
सप्तर्षिशतपथ के अनुसार- अत्रि, कश्यप, गौतम, भरद्वाज, यमदग्नि, वशिष्ठ, विश्वामित्र।
महाभारत के अनुसार- अंगिरा, अत्रि, ऋतु, पुलस्त्य, पुलह, मरीचि, वशिष्ठ।
दस दिशाएँअग्निकोण, ईशानकोण, पश्चिम, पूर्व, वायुकोण।
दस दिग्पालअग्नि, इन्द्र, ईश, कुवेर, नैऋत, ब्रह्मा, यम, वरुण, वायु, शेष।
दिन-रात के आठ पहरअपराह्न, उत्तराह्न, उषा, त्रियामा, निशीथ, पूर्वाह्न, प्रदोप, मध्याह्न । (एक पहर =3 घंटे)
पाँच प्रकार की वायुअपान वायु (गुदा), उदान वायु (छाती), प्राण वायु (सिर), व्यान वायु (ह्रदय), समान वायु (नाभि)।
तीन तरह की अग्नियाँजठरानल, दावानल, बड़वानल।
तीन कर्मसंचित, प्रारब्ध, क्रियमाण।
उपासना के तीन काण्डकर्म, भक्ति और ज्ञान।
तीन गुणसत्त्व, रजस्, तमस्, ।
तीन शारीरिक दोषवात, पित्त और कफ।
तीन देवब्रह्मा, विष्णु और महेश।
तीन लोकस्वर्ग, पृथ्वी, पाताल।
तीन ऋणदेव-ऋण, ऋषि-ऋण और पितृ-ऋण।
तीन तापदैहिक, दैविक और भौतिक।
तीन श्रोता (जीव)मुक्त, मुमुक्ष, विषयी।
चतुरंगिणी सेनाहाथी, घोड़ा, रथ और पैदल।
चार योनियाँयरायुज, अण्डज, स्वदेज, उद्भिज।
चार युगसत्ययुग, त्रेता , द्वापर और कलियुग।
चार प्रमाणप्रत्यक्ष, हनुमान, उपमान और शब्द।
चार पुरुषार्थधर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
चार वर्णब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र।
चार अवस्थाएँजागृति, सुषुप्ति, स्वप्न और समाधि।
चार प्रकार के भक्तआर्त, जिज्ञासु, अर्थार्थी और ज्ञानी।
चार प्रकार के दंडसाम, दाम, दण्ड और भेद।
पंचामृतदूध, दही, घी, शहद और शक़्कर।
पाँच तत्त्वपृथ्वी, जल, तेज, वायु और आकाश।
पाँच जीवन-कोशअन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनन्दमय।
पाँच प्राणप्राण, अपान, उदान, समान और व्यान।
छह शत्रुकाम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य।

हिंदी के प्रसिद्ध कवि- चंदवरदाई, कबीर, जायसी, तुलसीदास, सूरदास, नंददास, मीराबाई, रहीम, बिहारी, देव, मतिराम, पद्याकर, भूषण, भारतेंदु हरिशचन्द्र, जगन्नाथ दास, 'रत्नाकर', मैथलीशरण गुप्त, अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध', माखनलाल चतुर्वेदी, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानन्दन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', महादेवी वर्मा, सुभद्राकुमारी चौहान, रामधारी सिंह 'दिनकर', सोहनलाल द्विवेदी, हरिवंश राय 'बच्चन', गोपाल सिंह 'नेपाली', स० हि० वा० अज्ञेय, श्यामनारायण पांडेय, शिवमंगल सिंह 'सुमन', रामेश्र्वर शुक्ल 'अंचल', जानकीवल्लभ शास्त्री, भवानीप्रसाद मिश्र, रघुवर सहाय, गजानन माधव मुक्तिबोध, मोहनलाल महतो 'वियोगी', केदारनाथ मिश्र 'प्रभात', बालकृष्ण शर्मा 'नवीन', रामदयाल पांडेय।

हिंदी के प्रसिद्ध नाटककार-भारतेंदु हरिशचन्द्र, जयशंकर प्रसाद, गोविंद-वल्लभ पंत, हरिकृष्ण प्रेमी, लक्ष्मीनारायण मिश्र, रामकुमार वर्मा, उदयशंकर भट्ट, जगदीशचंद्र माथुर, सेठ गोंविंददास, लक्ष्मीनारायण लाल, उपेंद्रनाथ अश्क, मोहन राकेश।

हिंदी के प्रसिद्ध एकांकीकार- रामकुमार वर्मा, लक्ष्मीनारायण मिश्र, गणेशप्रसाद द्विवेदी, उदयशंकर भट्ट, भुवनेश्र्वरप्रसाद मिश्र, सेठ गोविंद दास, उपेंद्रनाथ 'अश्क', जगदीशचंद्र माथुर, गोविंदवल्लभ पंत, भगवतीचरण वर्मा, जगन्नाथ 'नलिन'। हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार- देवकीनंदन खत्री, प्रेमचंद्र, राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह, जैनेंद्र कुमार, इलाचंद्र जोशी, भगवतीचरण वर्मा, यशपाल, प्रतापनारायण श्रीवास्तव, भगवतीप्रसाद वाजपेयी, वृंदावनलाल वर्मा, अज्ञेय, पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र', गुरुदत्त, फणीश्र्वरनाथ रेणु, नागार्जुन, राधाकृष्ण प्रसाद, चतुरसेन शास्त्री, मोहन राकेश, राजेंद्र यादव, कमलेश्र्वर, धर्मवीर भारती, राधाकृष्ण, हिमांशु श्रीवास्तव।

हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार- प्रेमचंद, सुदर्शन, विश्र्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक', पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र', जैनेंद्र कुमार, चतुरसेन शास्त्री, गोविंदवल्लभ पंत, वृंदावनलाल वर्मा, भगवतीप्रसाद वाजपेयी, भगवतीचरण वर्मा , इलाचंद्र जोशी, चंद्रगुप्त विद्यालंकार, राधाकृष्ण, उषादेवी मित्रा, मोहन राकेश, कमलेश्र्वर, राजेंद्र यादव, फणीश्र्वरनाथ रेणु, मार्कडेय, निर्मल वर्मा, शिवानी।

हिंदी के प्रसिद्ध लेखक- महावीर प्रसाद द्विवेदी, पद्यसिंह शर्मा, चंद्रधर शर्मा गुलेरी, सरदार पूर्ण सिंह, रामचंद्र शुक्ल, शिवपूजन सहाय, राहुल सांकृत्यायन, हजारीप्रसाद द्विवेदी, बनारसी दास चतुर्वेदी, विश्र्वनाथप्रसाद मिश्र, रामविलास शर्मा, श्रीराम शर्मा, हरिशंकर परसाई।

प्रसिद्ध काव्य-पुस्तकें और उनके कवि-

पृथ्वीराजरासो-चंदवरदाई
पद्यावत-मलिक मुहम्मद जायसी
कवितावली, विनयपत्रिका, रामचरितमानस-तुलसीदास
प्रेममाधुरी-भारतेंदु हरिश्चंद्र
सूरसागर-सूरदास
रासपंचाध्यायी, भँवरगीत-नंददास
रामचंद्रिका-केशवदास
बिहारी सतसई-बिहारीलाल
प्रियप्रवास-हरिऔध
हिमकिरीटनी-माखनलाल चतुर्वेदी
साकेत, यशोधरा, भारत-भारती-मैथलीशरण गुप्त
आँसू, कामायनी-जयशंकर प्रसाद
गुंजन, लोकायतन, चिदम्बरा-सुमित्रानन्दन पंत
दीपशिखा, यामा-महादेवी वर्मा
तुलसीदास-निराला
हल्दीघाटी-श्यामनारायण पांडेय
कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रश्मिरथी-रामधारी सिंह दिनकर
मधुशाला-बच्चन
आर्यावर्त-मोहनलाल महतो 'वियोगी'

हिंदी के कुछ उपन्यास और उनके लेखक-

गोदान, सेवासदन, गबन, निर्मला-प्रेमचंद
तितली, कंकाल-जयशंकर प्रसाद
दिल्ली का दलाल-पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र'
मृगनयनी, झाँसी की रानी-वृंदावनलाल वर्मा
गिरती दीवारें-उपेन्द्रनाथ 'अश्क'
पतितों के देश में-रामवृक्ष बेनीपुरी
काकली-जानकीवल्लभ शास्त्री
राम-रहीम-राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह
शेखर: एक जीवनी-अज्ञेय
त्यागपत्र-जैनेंद्र कुमार
देहाती दुनिया-शिवपूजन सहाय
प्रेत और छाया-इलाचंद्र जोशी
झूट-सच-यशपाल
टेढ़े-मेढ़े रस्ते, चित्रलेखा-भगवतीचरण वर्मा
बाणभट्ट की आत्मकथा-हजारीप्रसाद दद्विवेदी
सूरज का सातवाँ घोड़ा-धर्मवीर भारती
मैला आँचल-फणीश्र्वरनाथ रेणु
बलचनमा-नागार्जुन
चौदह फेरे-शिवानी

हिंदी के प्रसिद्ध नाटक और नाटककार-

सत्य हरिश्चन्द्र-भारतेंदु हरिश्चन्द्र
चंद्रगुप्त, स्कंदगुप्त, अजातशत्रु, ध्रुवस्वामिनी-जयशंकर प्रसाद
अम्बपाली, नेत्रदान-रामवृक्ष बेनीपुरी
भोर का तारा, कोणार्क-वजगदीशचंद्र माथुर
आधे-अधूरे-मोहन राकेश
रेशमी टाई-रामकुमार वर्मा
लोहा सिंह-रामेश्र्वर सिंह काश्यप



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वाक्य

  वाक्य किसे कहते हैं?   वाक्य पदों के व्यवस्थित समूह को कहते हैं जो पूर्ण अर्थ देता है| उदाहरण - गौरव गेंद से खेल रहा है|   रचना के...

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