(1) किसी बस में वारदात कर भाग रहे अपराधी को संवाहक द्वारा पकड़ कर पुलिस को सौंपने की घटना की विवरण सहित जानकारी देते हुए परिवहन विभाग के प्रबंधक को पत्र लिखकर कि उसे पुरस्कृत करने का अनुरोध कीजिए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक- 16 अक्टूबर 20XX
सेवा में,
मुख्य प्रबंधक महोदय,
दिल्ली परिवहन विभाग,
जनकपुरी, नई दिल्ली।
विषय- संवाहक के प्रशंसनीय साहसिक व्यवहार के लिए पुरस्कृत करने का अनुरोध।
महोदय,
निवेदन है कि मैं दिल्ली का निवासी हूँ और नियमित रूप से प्रातः आठ बजे जनकपुरी से द्वारका तक जाने वाली बस का यात्री हूँ। बस का संवाहक और चालक दोनों का ही व्यवहार मधुर तथा सहयोगीपूर्ण है। दोनों ही कुशलता और हिम्मत के धनी है।
आज रास्ते में एक व्यक्ति जनकपुरी बस स्टैंड से बस में चढ़ा। बस में 20-30 यात्री थे जो शांति से बैठे थे। जैसे ही बस आधे रास्ते पहुँची उस आदमी ने तमंचा निकालकर सभी से चुप रहकर अपना कीमती सामान उसके हवाले करने को कहा। बस में यात्रा कर रहीं महिलाएँ चीखने लगीं, संवाहक से सभी को शांत होने एवं हिम्मत रखने के लिए कहा। फिर उस आदमी को अपनी बातों में फँसाकर अन्य व्यक्ति को इशारा किया। सभी ने उसे दबोच लिया। उसने जैसे ही भागने की कोशिश की संवाहक ने चतुराई दिखाते हुए उसका सामना किया। रास्ते में पड़ने वाली पुलिस चौकी में जाकर उस अपराधी को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। संवाहक का यह साहसिक कार्य प्रशंसनीय योग्य था।
अतः मैं विभाग से निवेदन करता हूँ कि संवाहक के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा करते हुए उसे सम्मानित किया जाए जिससे सभी को प्रेरणा मिल सकें।
सधन्यवाद!
भवदीय
क.ख.ग
(2) आपकी बहन कस्बे से अपनी पढ़ाई पूरी कर आगे शिक्षा के लिए बड़े नगर में गई है नगर के वातावरण में संभावित परेशानियों की चर्चा करते हुए उनसे बचने के तरीके उसे पत्र द्वारा समझाइए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक- 15 मार्च 20XX
प्रिय बहन अर्पिता
सस्नेह,
आशा करती हूँ कि तुम कुशल मंगल होगी और चिंताओं से मुक्त अध्ययनरत होगी।
प्रिय अर्पिता! माँ से कल फोन पर वार्तालाप हुआ और मुझे पता चला कि तुम पढ़ाई करने के लिए नगर गई हो। मुझे ख़ुशी है कि तुम शिक्षा प्राप्त करने के लिए तत्पर हो, किन्तु अब कस्बे से दूर नगरीय जीवन में तुम्हारा प्रवेश हो गया है, जहाँ का वातावरण और जीवन शैली बिल्कुल है। ध्यान रखना, कि व्यक्तित्व की परख बाह्य शृंगारिक चीजों से नहीं होती बल्कि शालीनता से होती है। नगर की चकाचौंध और भागदौड़ से बचकर रहना। स्वयं को फैशन की दौड़ में शामिल मत करना वरना अपने उद्देश्य से भटक सकती हो। नगर के लोगों से सावधान रहते हुए दूरी बनाए रखना। कस्बे में अपने लोगों के बीच रहकर अपनेपन की आदत बनाए रखना अच्छा था, परन्तु नगर में ऐसे लोग बहुत मिलेंगे जो सिर्फ अपना स्वार्थ पूरा करना जानते हैं।
विद्यार्थी जीवन का समय अमूल्य होता है। इस समय को न गंवाते हुए अपने उद्देश्य को पूरा करना और परिवार का सम्मान बढ़ाना। आगे तुम स्वयं समझदार हो। आशा है मेरी सलाह को तुम जरूर समझोगी।
तुम्हारी बड़ी बहन
क.ख.ग
(3) किसी विशेष टी. वी. चैनल द्वारा अंधविश्वासों को प्रोत्साहित करने वाले अवैज्ञानिक और तर्कहीन कार्यक्रमप्रायः दिखाए जाने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक- 26 मार्च 20XX
सेवा में,
संपादक,
दैनिक समाचार पत्र,
बहादुर शाह जफर मार्ग,
नई दिल्ली।
विषय- टी. वी. चैनल में तर्कहीन व अवैज्ञानिक कार्यक्रम पर रोक लगाने हेतु पत्र
महोदय,
मैं आपके दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से टी.वी. चैनल के अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाना चाहती है। टी.वी. चैनल में रात्रि नौ बजे एक धारावाहिक आता है जो अंधविश्वास को प्रोत्साहित करता है। इसका नाम है- 'डर' यह कार्यक्रम अवैज्ञानिक व तर्कहीन है। इसमें प्रत्येक दिन एक नयी कहानी दिखायी जाती है जो भूत पिशाचों से संबंधित होती है। इसका असर बच्चों पर अधिक पड़ रहा है क्योंकि बच्चे इसे शौक में देखते हैं और इसे ही सच मानते हैं। परन्तु इसका असर भयावह हो रहा है क्योंकि इसकी छाप मानसिक पटल पर रह जाती है। जो हमारी भावी पीढ़ी के लिए नुकसानदायक हो सकती है। आपसे अनुरोध है कि अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में इस लेख को छापें ताकि टी.वी. चैनल से अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो तथा वे ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण न करें जो समाज को अंधविश्वासों से हानि पहुँचाए।
धन्यवाद!
भवदीया,
क. ख.ग.
(4) आप अपनी किसी चूक के लिए बहुत लज्जित हैं और माँ के सामने जाने का साहस भी नहीं जुटा पा रहे हैं। तथ्यों को स्पष्ट करते हुए माँ को पत्र लिखकर क्षमायाचना कीजिए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक- 16 मार्च 20XX
आदरणीय माता जी,
चरण स्पर्श,
माँ कुछ दिनों पहले अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मुझसे एक गलती हो गई। विज्ञान के पेपर की तैयारी अच्छी तरह न होने के कारण मैं परेशान था कारण परीक्षा में मैंने नकल की। परन्तु मैं इसके लिए अत्यधिक लज्जित हूँ। माँ मैंने गलती की है पर आज तक मैं इससे उभर नहीं पाया हूँ। पास होने के लिए मैंने गलत रास्ता स्वीकार कर लिया जो शर्मनीय कार्य है।
माँ इस गलती को स्वीकार करते हुए माफी माँगना चाहता हूँ। परन्तु साहस नहीं जुटा पा रहा हूँ। आपके सामने अपनी गलती स्वीकार करने में लज्जित महसूस कर रहा हूँ। आपके दिये गए संस्कारों का मान नहीं रख पाया। माँ मैं इस पत्र द्वारा आपसे माँफी चाहता हूँ। मुझे माफ कर दीजिए। आगे से ऐसी चूक कभी नहीं होगी। आज मुझे एहसास हो रहा है मैं आदर्श बेटा न बन सका। मैं वादा करता हूँ ऐसी गलती दुबारा नहीं होगी। माँ इस पत्र द्वारा मैं अपने भावों को स्पष्ट करने की हिम्मत जुटा पाया हूँ। आशा है, आप मुझे माफ कर देंगी।
आपका पुत्र,
क. ख. ग ।
(5) अपने विद्यालय में हुए संगीत समारोह पर टिप्पणी करते हुए माँ को पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन,
सेंट जॉन्स स्कूल, आगरा।
दिनांक- 20 जनवरी, 20XX
आदरणीय माता जी,
सादर प्रणाम,
मैं पिछले कई दिनों से स्कूल में संगीत समारोह की तैयारी में व्यस्त थी। इस कारण आपको पत्र न लिख सकी। संगीत समारोह के लिए विद्यालय को अच्छी तरह सजाया गया। समारोह विद्यालय प्रांगण में हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध संगीतकार ए.आर. रहमान जी मुख्य अतिथि थे। वे जैसे ही विद्यालय के प्रवेश द्वारा पर आए उन पर फूलों की वर्षा होने लगी तथा विद्यालय प्राचार्य ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। हमारे विद्यालय की छात्राओं द्वार सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात् एक के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झाँकियाँ प्रस्तुत की गई। राजस्थानी नृत्य एवं गीत ने तो आगंतुकों को मन्त्र-मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय प्राचार्य ने उपस्थित मुख्य अतिथि एवं उपस्थित अभिभावकों को सहर्ष धन्यवाद दिया। साथ ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। अपने शुभाशीष के पश्चात् कार्यक्रम का समापन किया।
मेरी पढ़ाई ठीक चल रही है। मीनाक्षी कैसी है? आपका और पिताजी का स्वास्थ्य ठीक ही होगा। उनको मेरा प्रणाम कहना।
आपकी पुत्री
शालिनी
(6) विद्यालयों में योग-शिक्षा का महत्त्व बताते हुए किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।
सम्पादक को पत्र
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
दैनिक जागरण,
सेक्टर 20,
नोएडा, गौतमबुद्ध नगर।
दिनांक 5 जनवरी, 20XX
विषय- योग-शिक्षा का महत्त्व।
महोदय,
जन-जन की आवाज, जन-जन तक पहुँचाने के लिए कटिबद्ध आपके पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय में योग-शिक्षा के महत्त्व को बताना चाहती हूँ।
योग शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। योग शिक्षा उनके स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
योग के माध्यम से वे अपने शरीर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकाल सकते हैं। जिससे सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर, वह स्वयं को ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। योग के द्वारा कई। लाइलाज बीमारियों को भी जड़ से समाप्त किया जा सकता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए जीवनदायिनी औषधि की भाँति है।
आप अपने समाचार-पत्र के माध्यम से पाठकों को योग-शिक्षा ग्रहण करने के लिए आग्रह करें।
सधन्यवाद!
भवदीया
नीतू
आगरा।
(7) पी.वी. सिंधु को पत्र लिखकर रियो ओलंपिक में उसके शानदार खेल के लिए बधाई दीजिए और उनके खेल के बारे में अपनी राय लिखिए।
58/19,
अलकापुरी,
दिल्ली।
दिनांक 20 सितम्बर, 20XX
प्रिय पी.वी. सिंधु
सस्नेह नमस्कार,
कल आपका टी.वी. पर प्रदर्शन देखा। उसे देखकर मुझे बहुत गर्व हुआ। आपने ओलम्पिक में रजत पदक प्राप्त करके भारत का नाम रोशन किया है। आपकी यह सफलता प्रशंसा के योग्य है। ओलम्पिक में रजत पदक पाना बड़े सम्मान की बात है।
यह देख कर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि आपने अपने माता-पिता का ही नहीं अपितु पूरे देश का नाम विश्व में रोशन किया हैं आप बहुत अच्छी खिलाड़ी हैं।
आपके परिश्रम एवं प्रतिभा को देखकर मुझे पूर्ण विश्वास हो गया है कि आप एक न एक दिन स्वर्ण पदक भी प्राप्त करोगी। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप भविष्य में इसी प्रकार की सफलता प्राप्त कर जीवन के पथ पर आगे बढ़ती जाए। अंत में मेरी ओर से एक बार पुनः आपको इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई।
आपकी प्रशंसिका
(8) अपने क्षेत्र में जल-भराव की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
आगरा नगर निगम,
आगरा।
दिनांक 20 जनवरी, 20XX
विषय- जलभराव की समस्या हेतु।
महोदय,
मैं लोहामंडी क्षेत्र की निवासी हैं तथा आपका ध्यान अपने क्षेत्र में जलभराव से हो रही समस्याओं की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। वर्षा ऋतु के पश्चात् जगह-जगह सड़कों पर जलभराव हो गया जिसके कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है साथ ही आने-जाने वालों की गाड़ियों में पानी चले जाने के कारण खराब हो जाती हैं तथा वे दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। जल भराव से संपूर्ण क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है। ऐसा नहीं है कि हमारे क्षेत्र में सफाई कर्मचारी नहीं आते अपितु वे नियमित रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते थे, परंतु वे उस जलभराव की समस्या का समाधान नहीं करते हैं। कई बार मौखिक रूप से क्षेत्रीय सफाई निरीक्षक से भी कहा तथा लिखित रूप में भी इसकी चर्चा की, परंतु किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। वर्षा के पानी का भराव गंदी नालियों और सफाई न होने के कारण पूरे क्षेत्र में मलेरिया के फैलने की भी संभावना बढ़ गई है। चिंता का विषय है।
अतः आप से अनुरोध है कि लोहामण्डी क्षेत्र के निवासी की इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उचित निर्देश देने की कृपा करें। जिससे कि पूरा क्षेत्र इस जलभराव की समस्या से बच सके।
मुझे आशा है कि आप हमारे क्षेत्र की सफाई करवाने के लिए तुरंत आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
भवदीया
अ ब स
(9) अपने प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अनुरोध कीजिए कि ग्रीष्मावकाश में विद्यालय में रंगमंच प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सहयोग से आयोजित की जाए। इसकी उपयोगिता भी लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
सर्वोदय बाल विद्यालय,
कमलानगर,
आगरा।
दिनांक- 5 जुलाई, 20XX
विषय- ग्रीष्मावकाश में विद्यालय में रंगमंच प्रशिक्षण के लिए नाट्य कार्यशाला हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हम ग्रीष्मावकाश में विद्यालय में रंगमंच प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सहयोग से आयोजित करना चाहते हैं। इसकी कई उपयोगिताएँ भी हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमारे विद्यालय के विद्यार्थी इस कार्यशाला में नाट्य सम्बन्धी कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों/बिंदुओं को सीख सकेंगे एवं इससे लाभ लेकर वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन और अत्यधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में विद्यालय के शिक्षकों का भी पूर्ण योगदान रहेगा। अतः आपसे अनुरोध है कि आप हमें ग्रीष्मावकाश में विद्यालय में रंगमंच प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला आयोजित करने की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें, जिससे सभी लोग लाभान्वित हो सकें।
धन्यवाद!
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अभिषेक
(छात्र प्रमुख)
(10) अपने चाचाजी को पत्र लिखकर अनुरोध कीजिए कि वे आपके पिताजी को इस बात के लिए समझाकर राजी करें कि आपको बाढ़-पीढ़ितों की सहायता के लिए गठित स्वयंसेवकों के साथ जाने के लिए सहमत हों।
पता : 37/18 जनकपुरी दिल्ली,
दिनांक-20 नबम्बर 20XX
आदरणीय चाचाजी,
सादर प्रणाम।
आशा करता हूँ कि घर में सब कुशलमंगल होंगे। हम भी यहाँ सब कुशलमंगल हैं। चाचाजी इस समय आपको पत्र लिखने का विशेष कारण है। हमारे विद्यालय से कुछ स्वयंसेवक संगठित होकर बाढ़ग्रस्त पीड़ितों की सहायता करने हेतु जा रहे हैं। मैंने भी अपना नाम दे दिया है और अगले सप्ताह मुझे उनके साथ जाना है। मगर पिताजी मुझे इस कार्य में जाने के लिए अपनी अनुमति नहीं दे रहे हैं।
आप अच्छी तरह जानते हैं इस समय बाढ़ पीड़ितों को हमारी मदद की आवश्यकता है। इस समय केवल आप हैं, जो मेरी सहायता कर सकते हैं। पिताजी को अब आप समझा सकते हैं। पत्र मिलते ही पिताजी से बात अवश्य कीजिए। पत्र समाप्त करता हूँ और आपके जवाब की प्रतीक्षा रहेगी।
आपका भतीजा
निर्मल सिंह
(11) हाल में देखे हुए किसी नाटक की समीक्षा करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक- 5 अक्टूबर, 20XX
प्रिय मित्र,
कैसे हो? आशा करता/करती हूँ कि कुशलतापूर्वक होंगे। मैं भी अच्छा हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारे कोई समाचार प्राप्त नहीं हुए। मैंने अभी हाल ही में कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित एक नाटक देखा, जिसकी कहानी मेरे हृदय को अन्दर तक झकझोर गई कि कैसे संकीर्ण मानसिकता वाले व्यक्ति एक केन्या का जन्म होना। अभिशाप मानते हैं। उसके दुनिया में आने से पूर्व ही उसकी हत्या कर देते हैं। अगर सभी इस प्रकार करने लग जायेंगे तो लड़का लड़की का अनुपात बिगड़ जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो आने वाले समय में विवाह के लिए लड़कियों की संख्या कम होगी बजाय लड़कों के। वो लोग ये कैसे भूल जाते हैं, कि हमें जन्म देने वाली भी एक स्त्री है। मुझे इस तरह की सोच रखने वालों पर बहुत तरस आता है, साथ ही गुस्सा भी बहुत आता है। हमें अपने आस-पास कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य कुकृत्यों को रोकना होगा तथा उनकी इस सोच को भी बदलना होगा कि बेटे के बराबर आजकल बेटियाँ भी हैं। उनको बताना होगा कि प्रत्येक क्षेत्र में बेटी बेटे से आगे है।
अंकल, आंटी को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा प्रिय मित्र
निखिल
(12) विद्यालय में एक संगीत-सम्मेलन करने की अनुमति देने हेतु अपने प्रधानाचार्य से अनुरोध कीजिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
सर्वोदय बाल विद्यालय,
जनकपुरी, दिल्ली।
दिनांक 5 अक्टूबर, 20XX
विषय- संगीत-सम्मेलन करने की अनुमति हेतु पत्र।
महोदय, सविनय निवेदन है कि हम 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के अवसर पर एक संगीत सम्मेलन का आयोजन करना चाहते हैं। इसमें विद्यार्थी एवं अध्यापक-अध्यापिकाएँ अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर अन्य ख्यातिप्राप्त संगीतकारों को भी आमन्त्रित किया जाएगा।
कृपया आप हमें अनुमति प्रदान करें कि हम अपने संगीत सम्मेलन के लिए संगीतकारों को आमन्त्रित करें। इस संगीत सम्मेलन में विद्यालय के संगीत के शिक्षक एवं शिक्षिका भी अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।
आपका आज्ञाकारी
शिष्य धन्यवाद!
राजीव
विद्यालय छात्र प्रमुख
(13) अपनी बहन को पत्र लिखकर योगासन करने के लिए प्रेरित कीजिए।
बी/24, गौतम नगर,
नई दिल्ली।
दिनांक- 11 जनवरी, 20XX
प्रिय बहन,
अभी-अभी मुझे पिताजी का पत्र प्राप्त हुआ, उससे घर के समाचार ज्ञात हुए। साथ ही यह पता चला कि तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा करो। ये तो तुम को पता ही है कि पहला सुख निरोगी काया। इसके लिए तुमको नियमित रूप से योगासन करना चाहिए। भागदौड़ की जिंदगी में सभी बहुत व्यस्त हो गए हैं, उनको अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रहता। जो व्यक्ति अपने शरीर की उपेक्षा करता है वह जल्दी ही बूढ़ा हो जाता है। इसलिए तुमको मैं यही सलाह दूंगा कि तुम नियमित रूप से योगा करो जिससे तुम्हारा शरीर चुस्त एवं फुर्तीला हो जाएगा। इससे तुम्हारे शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाएगी। स्वयं को हर वक्त तरो-ताजा महसूस करोगी। साथ ही कोई बीमारी तुमको छू भी नहीं पायेगी।
आशा करता हूँ कि तुम मेरी सलाह को मानोगी तथा उसका अपने जीवन में पालन करोगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम पूर्णतः स्वस्थ हो जाओगी।
तुम्हारा भाई
अजय
(14) किसी महिला के साथ बस में हुए अभद्र व्यवहार को रोकने में बस कंडक्टर के साहस और कर्तव्यपरायणता की प्रशंसा करते हुए परिवहन विभाग के प्रबंधक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रबंधक,
दिल्ली परिवहन विभाग,
दिल्ली-110001
दिनांक20 मई, 20XX
विषय : बस कंडक्टर के प्रशंसनीय व्यवहार हेतु पत्र।
महोदय,
इस पत्र के द्वारा मैं आपको आपकी बस के एक कंडक्टर के प्रशंसनीय व्यवहार से अवगत करा रहा हूँ। मैं विकासपुरी का निवासी हूँ तथा प्रतिदिन 860 नं. की रूट बस से गाँधीनगर जाता हूँ। गत 20 अप्रैल की बात है, मैं गाँधीनगर से 860 नं. की बस से सायंकाल लगभग 7.00 बजे अपने घर लौट रहा था कि मोतीनगर के बस स्टॉप से कुछ मनचले बस में चढ़ गए। उन्होंने बस में बैठी एक महिला यात्री के साथ छेड़खानी अथवा अभद्र व्यवहार किया। बस कंडक्टर ने साहस के साथ उन युवकों का सामना किया और बहादुरी से उन्हें धर-दबोचा। यात्रियों ने भी बस कंडक्टर की सहायता से बस पुलिस स्टेशन में ले गया। जहाँ पुलिस अधिकारी ने बस कंडक्टर के साहस एवं कर्तव्यपरायणता के प्रशंसनीय व्यवहार की सराहना की। अतः आपसे आग्रह है कि आप कंडक्टर श्री रामप्रकाश को उनके प्रशंसनीय व्यवहार के लिए सम्मानित करें, जिसके परिणामस्वरूप अन्य कर्मचारी को भी प्रेरणा मिल सके।
धन्यवाद!
भवदीय
अशोक कुमार
(15) अपनी योग्यता तथा खेलों में रुचि का परिचय देते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय को विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित खेलों में भाग लेने की अनुमति के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन,
गजियाबाद।
सेवा में,
श्रीमती प्रधानाचार्या जी,
दयानन्द बाल मन्दिर
गाजियाबाद
दिनांक- 27 मार्च, 20XX
विषय- वार्षिकोत्सव में आयोजित खेलकूद में भाग लेने के लिए पत्र।
महोदया,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं की छात्रा हूँ। आज ही कक्षाध्यापिका से वार्षिकोत्सव में खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन के विषय में सुना। जैसा आपको विदित है कि इस बार राष्ट्रीय व स्कूली स्तर पर आयोजित कई प्रतियोगिताओं में मैंने भाग लिया है व पुरस्कार भी जीते हैं। मेरा आपसे यही निवेदन है कि मुझे आप विद्यालय की इन प्रतियोगिताओं में खेलने की अनुमति प्रदान करें। आपकी अति कृपा होगी।
सधन्यवाद!
आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
क.ख.ग़.
कक्षा- दसवीं (अ)
(16) अपने विद्यालय में पीने के स्वच्छ पानी की समुचित व्यवस्था हेतु प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखिए।
प्रेषक,
परीक्षा भवन,
आगरा।
श्रीमान प्रधानाचार्य,
क ख ग विद्यालय,
जिला आगरा
आगरा।
विषय : स्वच्छ पानी हेतु।
महोदय,
मैं आपके विद्यालय की कक्षा IX का छात्र/छात्रा हूँ। पिछले कई समय से हमारे विद्यालय में स्वच्छ पानी की व्यवस्था नहीं है। छात्र डर से आपको बताने में असमर्थ थे। लेकिन पिछले दिनों यह व्यवस्था बहुत खराब हो गई कई विद्यार्थियों की तबियत खराब हो गई जिससे पेट दर्द, दस्त, उल्टी जैसी समस्या सामने आई। डाक्टर से सलाह लेने पर पता चला कि यह समस्या पानी की वजह से है। देखने व समझने से पता चला कि विद्यालय के पानी का स्तर ठीक नहीं है अर्थात् स्वच्छता में कमी है टंकी बहुत समय से साफ नहीं हुई पानी में दुर्गंध भी आ रही है। एक जागरूक नागरिक होने व आपके विद्यालय का विद्यार्थी होने के नाते मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि विद्यालय में स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जाए टंकी को हर तीन महीने में साफ किया जाए टंकी के पानी में पानी साफ करने की मशीन लगाई जाए जिससे सभी विद्यार्थियों को स्वच्छ पानी पीने को मिले।
आशा है आप हमारी इस समस्या को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द दूर करेंगे।
सधन्यवाद!
प्रार्थी,
क ख ग।
कक्षा IX
(17) आपके बचत खाते का ए. टी. एम. कार्ड खो गया है। इस संबंध में तत्काल उचित कार्यवाही करने हेतु बैंक प्रबंधक को पत्र लिखिए।
प्रेषक,
अ ब क,
नई दिल्ली।
दिनांक- 20 मार्च, 20XX
प्रबंधक,
यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया,
नजफगढ़,
नई दिल्ली
महोदय
मैं (नाम:…………) आपके बैंक का निर्धारित ग्राहक हूँ। दिनांक 18 मार्च 20XX को मैं दिल्ली से आगरा बस से सफर का रहा था। अधिक भीड़ होने के कारण बैठने की जगह नहीं मिली गाजियाबाद पहुँचने पर पता चला मेरी जेब कट गई है। जो पर्स निकाला गया उसमें मेरा ए.टी.एम ड्राइविंग लाइसेंस कुछ रूपये व अन्य जरूरी कागज थे। बहुत खोजने पर भी वह नहीं मिला। अतः गाजियाबाद थाने में मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) करवा दी है और सभी खाते बंद करने की सूचना फोन के द्वारा सम्बंधित विभाग को दे दी है। आपसे अनुरोध है इस संबंध में बैंक के द्वारा की जाने वाली उचित कार्यवाही शीघ्रता से पूरी करके मुझे नया ए.टी.एम कार्ड देने की कृपा करे।
सधन्यवाद!
प्रार्थी
अ ब स
नई दिल्ली।
(18) आपकी हिन्दी शिक्षिका का स्थानांतरण हुए दो मास हो गए हैं और कोई नियमित विकल्प न मिलने से पढ़ाई नहीं हो पा रही। पत्र में इस समस्या की चर्चा करते हुए प्रभानाचार्य से तुरंत समाधान करने का आग्रह कीजिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
टैगोर गार्डन, दिल्ली।
दिनांक: 10 अप्रैल 20XX
विषय- हिन्दी शिक्षिका के नियमित विकल्प हेतु आवेदन पत्र
सविनय निवेदन यह है हमारी हिन्दी शिक्षिका श्रीमती शुक्ला का स्थानांतरण हुए दो माह से अधिक का समय हो चुका है। कभी-कभी कोई शिक्षक आकर कक्षा में आकर पढ़ा देते है। विद्यार्थी कक्षा में शोरगुल करते रहते हैं। परीक्षाएँ नजदीक हैं। अतः हमारी आपसे करबद्ध प्रार्थना है। कि शीघ्र से शीघ्र हिन्दी पढ़ाने का प्रबन्ध किया जाय जिससे हमारा आगे नुकसान न हो।
सधन्यवाद!
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्य
XYZ
(19) परीक्षा के दिनों में विद्युत आपूर्ति नियमित न होने से हो रही कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए विद्युत प्रदाय संस्थान के मुख्य प्रबंधक को तुरंत इसे ठीक करने का अनुरोध कीजिए।
सेवा में,
विद्युत प्रदाय संस्थान,
रोहिणी सेक्टर-7, दिल्ली।
दिनांक:10 अप्रैल 20XX
विषय: विद्युत आपूर्ति नियमित न होने की समस्या
निवेदन यह है कि हम रोहिणी सेक्टर-7 के निवासी बिजली की अनियमितता से बहुत परेशान हैं। आजकल बच्चों की परीक्षाएँ चल रही हैं। उनकी वर्ष भर की मेहनत इन्हीं दिनों की पढ़ाई पर निर्भर है। इन दिनों बिजली घण्टों-घण्टों तक गुल हो जाती है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हमारा निवेदन है कि कृपा करके विद्युत की आपूर्ति नियमित करें।
धन्यवाद!
भवदीय,
श्रीराम गुप्ता
अध्यक्ष सुधार समिति
सेक्टर-7 रोहिणी दिल्ली।
(20) आपको विद्यालय में खेलने का अवसर नहीं मिलता। कह दिया जाता है कि छात्र संख्या अधिक होने से सबके लिए व्यवस्था नहीं हो सकती। प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर इस समस्या पर चर्चा कीजिए और एक उपाय भी सुझाइए।
प्रेषक,
क ख ग
परीक्षा भवन,
प्रधानाचार्य,
च ब क विद्यालय
हांपुड़ उत्तर प्रदेश।
विषय : विद्यालय में खेलने के अवसर हेतु
महोदय,
मैं आपके विद्यालय का X का छात्र हूँ गत वर्षों से देखा जा रहा है कि किसी भी विद्यार्थी को खेलने का अवसर नहीं मिल रहा है। हमारे पाठ्यक्रमों के अनुसार सभी विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास जरूरी है जितना जरूरी पढ़ना है उतना जरूरी खेलना है। बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं जो खेल में बहुत अच्छे हैं जो विद्यालय और देश/प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं लेकिन मौका नहीं मिला। विद्यालय के बाहर किसी भी क्लब से जुड़ने के लिए अधिक पैसा लगता है हम उतना पैसा नहीं दे सकते। विद्यालय में खेल के अध्याय होने के बाबजूद हमें उनकी योग्यता का फायदा नहीं मिल पा रहा है। आपसे पहले वार्तालाप हुआ था तो आपने कहा था बच्चों की संख्या अधिक है आपका कहना ठीक है लेकिन सभी बच्चे खेल के स्तर पर नहीं उतरते हैं कुछ बुहत अच्छे हैं जो कर सकते हैं। आप उन्हीं बच्चों को प्रोत्साहन दे सकते हैं। दूसरा कि विद्यालय के पास जो पार्क खाली है उसमें विभाग से मिलकर हम उसको प्रयोग खेल के लिए कर सकते हैं। यह आपके स्तर की बात है।
हम सब विद्यार्थियों को आपसे अनुरोध है आपके चाहने से हमारा भविष्य बन सकता है और खेल की व्यवस्था हो सकती है आशा है आप हमारी इस समस्या पर ध्यान देंगे।
सधन्यवाद!
प्रार्थी,
समस्त छात्र,
च ब क विद्यालय।
(21) अपने क्षेत्र में सार्वजनिक पुस्तकालय खुलवाने की आवश्यकता समझाते हुए दिल्ली के शिक्षा-मंत्री के नाम एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
शिक्षा-मंत्री महोदय,
दिल्ली सरकार, दिल्ली।
दिनांक: 27/03/20XX
विषयः सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दिल्ली के शिक्षा-मंत्री के नाम पत्र।
मान्यवर,
मैं अपने इस पत्र के द्वारा आपका ध्यान अपने क्षेत्र के लोगों के लिए एक पुस्तकालय की व्यवस्था की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। वर्तमान तकनीकी युग में पुस्तकों के अध्ययन के प्रति लोगों का लगाव कम होता जा रहा है। परिणामतः उनका समय मोबाइल या अन्य व्यर्थ के विवादों में व्यतीत हो रहा है। लोगों की रचनात्मक शक्ति क्षीण होती जा रही है।
अतः आपसे निवेदन है कि सरकारी अनुदान से मेरे क्षेत्र में एक सार्वजनिक पुस्तकालय की व्यवस्था एक उसके संचालन के लिए धन की व्यवस्था दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा करवाने की कृपा की जाए। इससे न केवल सामान्य जन अपितु सुविधाविहीन छात्र भी अपने अध्ययन के लिए लाभ उठा पाएँगे।
आपकी इस व्यवस्था के लिए हम सभी क्षेत्रवासी आपके आजीवन आभारी रहेंगे।
अ. ब. स.
अ. ब. स. क्षेत्र
दिल्ली।
(22) कक्षा में अनजाने हो गए अभद्र व्यवहार के लिए कक्षा-अध्यापक से क्षमा-याचना करते हुए पत्र लिखिए।
सेवा में,
कक्षा अध्यापक महोदय,
अ. ब. स. विद्यालय,
अ. ब. स. नगर।
दिनांक- 27/03/20XX
विषय- अभद्र व्यवहार के लिए कक्षा अध्यापक से क्षमा-याचना करते हुए पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं कक्षा नौ ‘अ’ का छात्र हैं। पिछली कक्षा में मुझसे अनजाने में अपने कक्षा के सहपाठियों के साथ अभद्र व्यवहार हो गया। मेरे कुछ मित्र एक-दूसरे के ऊपर पानी डाल रहे थे। मैं भी उन सबके साथ इस खेल में सम्मिलित था। बाद में मुझे ज्ञात हुआ कि मेरे इस व्यवहार से आपको बहुत कष्ट हुआ है।
मैं अपने इस अनुचित कृत्य से लज्जित हैं तथा क्षमा याचना के साथ आपको विश्वास दिलाता हूँ कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी।
आपसे प्रार्थना है कि आप मेरे इस अभद्र व्यवहार को क्षमा कर मुझे अनुगृहित करेंगे। मैं इसके लिए आपका आभारी रहूँगा।
सधन्यवाद!
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अ. ब. स
कक्षा- नौ ‘अ’
(23) चौराहों पर भीख माँगते बच्चों को देखकर आपको कैसा इस समस्या के समाधान के लिए अपने विचार एक पत्र द्वारा किसी समाचार पत्र के संपादक को लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
अ. ब. स. समाचार पत्र,
अ. ब. स. क्षेत्र,
अ. ब. स. नगर।
दिनांक- 00/00/00
विषय- चौराहे पर भीख माँगते बच्चों को की गंभीर समस्या और समाधान।
महोदय,
निवदेदन है कि मैं अ. ब. स. नगर के अ. ब. स. मुहल्ले का निवासी हूँ। इस पत्र के द्वारा मैं आपका तथा सरकार का ध्यान उपर्युक्त समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। मैं प्रतिदिन सुबह 8 बजे अपने पिता जी के साथ गाड़ी से विद्यालय के लिए जाता हूँ। रास्ते में एक चौराहा आता है जहाँ कुछ हम उम्र बालकों को भीख माँगते देख मेरा मन द्रवित हो उठा। मैं सोचने के लिए विवश हो गया कि आज भी भारत में इतनी गरीबी है कि लोग अपने बच्चों से पढ़ने की आयु में भीख मँगवाकर अपना पेट भरने का काम करते हैं। भारत में आज भी संसाधनों का इतना अभाव है कि जिन बच्चों के हाथों में पुस्तकें और लेखनी होनी चाहिए वे भीख के लिए हाथ फैला रहे हैं।
महाशय, यह एक गंभीर समस्या है। इस विकृत समस्या के समाधान के लिए सरकार और समाज दोनों को आगे आना होगा और मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार के द्वारा ऐसे बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा, आवास और भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए तथा समाज के द्वारा इन बच्चों को शिक्षा प्राप्ति के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
विश्वास है, अपने समाचार पत्र में मेरे पत्र को प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस समस्या की और आकर्षित करेंगे।
अ. ब. स.
अ. ब. स. क्षेत्र
अ. ब. स. नगर
(24) अपनी पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों के बारे में बताते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए।
अ. ब. स. नगर
अ. ब. स. क्षेत्र
दिनांक- 00/00/00
आदरणीय पिता जी,
सादर प्रणाम।
मैं कुशल हूँ, विश्वास है कि आप भी परिवार के सभी सदस्यों के साथ स्वस्थ होंगे।
पिता जी! प्रसन्नता के साथ आपको सूचित करना चाहता हूँ कि हर साल की भाँति इस बार भी विद्यालय की वार्षिक-परीक्षा अगले माह से प्रारंभ होने वाली है। परीक्षा में उत्तम परिणाम के समय-तालिका के अनुसार मैं यथायोग्य परिश्रम कर रही हैं। समय पर भोजन, शयन क्रीड़ा आदि का पूरा ध्यान रखता हूँ। सामाजिक कार्यक्रमों में भी पूरी सहभागिता रहती है। विद्यालय की शैक्षणिकेत्तर गतिविधियों में मैं अपने मित्रों के साथ पूरे उत्साह के साथ भाग लेता रहता हूँ।
आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं मेहनत करता रहूँगा और सर्वोत्तम स्थान पर स्थित रहूँगा। ग्रीष्मावकाश में घर आकर आपके तथा माता जी के दर्शन करूंगा।
परिवार में सबको यथायोग्य अभिवादन।
आपका प्यारा पुत्र,
अ. ब. स.।
(25) एक चौराहे पर स्कूल जाने की उम्र की किसी लड़की को भीख माँगता देखकर आपके मन में क्या भाव उठे? अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखकर बताइए।
अ. ब. स. नगर,
अ. ब. स. क्षेत्र,
दिनांक- 19/04/20XX
आदरणीय बड़ी बहन,
सादर प्रणाम।
मैं कुशल हूँ, विश्वास है कि आप भी परिवार के सभी सदस्यों के साथ स्वस्थ होंगी।
दीदी, आज इस पत्र के द्वारा मैं अपने मन की बात को आपके साथ बाँटना चाहता हूँ। आज सुबह जब मैं अपने विद्यालय जा रहा था तो चौराहे पर एक हम उम्र बालिका को भीख माँगता देख मेरा मन काँप उठा। मैं सोचने को विवश हो गया कि आज भी भारत में इतनी गरीबी है कि लोग अपने बच्चों से पढ़ने की आयु में भीख मँगवाकर अपना पेट भरने का काम कराते हैं।
मैंने माता जी से इस संदर्भ में विस्तार से बात की है तथा उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे उस लड़की के लिए शिक्षा की व्यवस्था में उसके माता-पिता का सहयोग करेंगी। अब जाकर मेरे मन को कुछ शांति मिली है।
शेष अगले पत्र में। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखियेगा।
आपका प्यारा भाई,
अ. ब. स.।।
(26) ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान का आपके आस-पड़ौस में क्या प्रभाव दिखाई देता हैं? उसकी अच्छाइयों और सीमाओं की चर्चा करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में
मुख्य संपादक महोदय,
अ. ब. स. समाचारपत्र,
अ. ब. स. नगर।।
दिनांक : 03 अप्रैल, 20XX
विषय- ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान का आस-पड़ोस पर क्या प्रभाव।
मान्यवर,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने इलाके में ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान का क्या प्रभाव हुआ। है इस विषय पर आकर्षित करना चाहता हूँ। महोदय ! इस अभियान के कारण हमारे समाज में एक क्रांति-सी आ गई है। कोई भी बच्चा हो या बूढ़ा सड़क पर या गलियों में कूड़ा-करकट फेंकना नहीं चाहता है। अस्पतालों या रेलवे प्लेटफॉर्म पर तो गंदगी का नामों-निशान मिट गया। है। इन सबका हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। अब डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता कम हो गई है। अधिक से अधिक लोग स्वच्छता के प्रति सावधान और स्वस्थ रह रहे हैं। इसकी सबसे अच्छी बात है कि इससे समाज में आने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी तथा एक स्वस्थ और स्वच्छ भारत का निर्माण होगा।
आपसे अनुरोध है कि समाज के हित को ध्यान में रखते हुए इस अभियान के विज्ञापन को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र के मुख्पृष्ठ पर जगह देकर लागों को इसके प्रति आकृष्ट करने की कृपा करें।
इसके लिए हम सब आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
अ. ब. स.
अ. ब. स. मोहल्ला,
अ. ब. स. नगर।
(27) बस में छूट गए सामान को आपके घर तक सुरक्षित रूप से पहुँचाने वाले बस कंडक्टर की प्रशंसा करते हुए उसे पुरस्कृत करने के लिए परिवहन अध्यक्ष को एक पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखिए।
महाप्रबंधक महोदय,
दिल्ली परिवहन निगम
पीतम पुरा, दिल्ली
दिनांक- 25 मार्च, 20XX
विषय- बस संख्या DL-IP 3845 (शादीपुर) के कंडक्टर की प्रशंसा हेतु पत्र।
महोदय,
मुझे इस बात की सूचना देते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि दिल्ली परिवहन निगम की बस संख्या DL-IP 3845 (शादीपुर डिपो) के कंडक्टर रामविलास जुनेजा ने कल अत्यंत प्रशंसनीय तथा साहसिक कार्य किया। एक व्यक्ति अपनी बेटी की शादी के लिए गहने खरीदकर आ रहा था। वह बस में सवार हुआ। थोड़ी ही देर में वह चिल्लाने लगा कि उसका बैग छीनकर कोई जेबकतरा बस से उतर गया है। रामविलास ने तुरंत बस रुकवा दी और जेबकतरे के पीछे दौड़ा और अपनी बहादुरी से उससे बैग भी छीन लिया। इस घटना को देखने में अपने जरूरी कागजात का बैग बस में ही भूल गयी। शाम के पाँच बजे मुझे मेरे घर पर मेरा कागजात का बैग लौटाने रामविलास जी मिले।
उनके साहस और ईमानदारी को देखते हुए मैंने उन्हें 1.000 रुपए का पुरस्कार देना चाहा, परंतु उन्होंने लेने से इंकार कर दिया और कहा कि ''मैंने अपना कर्तव्यपालन किया है।''
मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि श्री रामविलास को पुरस्कृत और सम्मानित किया जाए जिससे कि अन्य व्यक्ति भी इनसे प्रेरणा लें।
धन्यवाद!
भवदीया
रुचि गुप्ता
ई-393, रमेश नगर, नई दिल्ली
(28) अपने बैंक के प्रबंधक को पत्र लिखकर अपने आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने का अनुरोध कीजिए।
प्रबंधक महोदय
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
सरस्वती विहार, दिल्ली
दिनांक- 25 फरवरी 2018
विषय- खाता संख्या-13457398 के साथ आधार कार्ड जोड़ने का आग्रह
महोदय,
मैं सोनिया गर्ग, बचत खाता संख्या-13457398 की धारक हूँ। मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि मेरे आधार कार्ड, संख्या-631345678915 को मेरे बचत खाते के साथ जोड़ दीजिए। इस पत्र के साथ मेरे आधार कार्ड की प्रतिलिपि संलग्न है।
धन्यवाद!
भवदीय
सोनिया गर्ग
(29) विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर उन्हें रोकने का अनुरोध कीजिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय
क. ख, ग विद्यालय
अ. ब. स स्थान
दिनांक- 25 जनवरी, 20XX
विषय- विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश में जंक फूड बेचने से रोके जाने के सम्बन्ध में पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचा जाता है। जंक फूड मिलने की वजह से अधिकतर विद्यार्थियों ने टिफिन लाना भी बंद कर दिया है। यह जंक फूड विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जंक फूड खाने से कई बच्चों की तबियत भी खराब हुई है।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यथाशीघ्र इन्हें हटवाने का प्रबन्ध करें।
धन्यवाद!
आपकी आज्ञाकारी शिष्या
क, ख, ग
कक्षा-दसवीं
(30) विदेश में रहने वाले अपने मित्र को भारतीय त्योहारों के विषय में पत्र लिखिए।
मित्र को पत्र
परीक्षा भवन
दिल्ली।
दिनांक : 20 अक्तूबर, 20XX
प्रिय मित्र,
सस्नेह नमस्कार!
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर एक नई जानकारी प्राप्त हुई। तुमने ऑस्ट्रेलिया में मनाए जाने वाले त्योहारों का बड़ा ही सुंदर वर्णन किया है। अब मैं इस पत्र में भारतीय त्योहारों के विषय में लिख रहा हूँ। भारत त्योहारों का देश है जिनमें दीवाली, दशहरा, होली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, लोहड़ी, करवाचौथ, बसंत पंचमी, बैसाखी, 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्तूबर, 14 नवंबर आदि प्रमुख हैं। पर इसके अतिरिक्त भी यहाँ बहुत-से त्योहार मनाए जाते हैं। दीवाली अज्ञान पर ज्ञान की विजय, दशहरा असत्य पर सत्य की जीत, होली में सभी पुराने बैरों को भूलकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं। हर त्योहार भारतीय बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। दीवाली दीपों का त्योहार है, दशहरा मेलों का त्योहार तथा होली रंगों का त्योहार है। मित्र, इस पत्र में इतनी जानकारी पर्याप्त है। शेष अगले पत्र में लिखेंगा। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना तथा छोटे भाई को। प्यार देना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
क. ख. ग.